04 September, 2015

व्यस्तता

Hello friends...


एक वक्त कि बात है, एक बहुत ही कुशल कठहरा एक लकडे के व्यापारी के पास काम मांगने जाता है, व्यापारी उसे काम देता है और उसे अच्छी तनख्वाह देने का वादा भी करता है ।


पर व्यापारी कठहरे को कहता है की आप को अच्छा काम भी करना होगा ।

कठहरा इस बात को मान लेता है और अच्छे से अच्छा काम करने का निश्र्चय करता है ।

व्यापारी कठहरे को एक कुल्हाडी देता है और उसे वह जगह दिखाता है जहा से उसे लकडे काटने है ।

पहले दिन, कठहरा अपना काम शुरु करता है, और पहले ही दिन 18 पेड काट के लाता है । व्यापारी कठहरे से कहता है, "शाबाश, आज तुमने अच्छा काम किया, इसी तरह से रोज काम करते रहो ।"
कठहरा व्यापारी के मुंह से अपनी तारिफ सुनकर खुश हो गया, वह और ज्यादा अच्छा काम करने के लिए प्रेरित हुआ ।

दुसरे दिन, कठहरा फिर से काम पे निकलता है और पहले दिन से भी ज्यादा महेनत करता है, पर इस बार वो सिफॅ 15 पेड ही काट के ला पाता है ।

तीसरे दिन, वो और ज्यादा महेनत करता है पर इस दिन वो सिफॅ 10 पेड ही काट के ला पाता है ।
दिन प्रतिदीन, वो ज्यादा से ज्यादा महेनत करता है पर हर बार कम से कम पेड काट के ला पाता है । यह देख कर वो सोचता है, "शायद मेरी ताकत कम हो रही है ।"

वो अपने मालिक के पास जाता है और उसकी माफी मांगते हुए कहता है, "मालिक, मुझे समज मे नही आ रहा की ये क्या हो रहा है ।"

उसकी ये बात सुनकर उसका मालिक उसे पूछता है, " तुमने आखरी बार अपनी कुल्हाडी की धार कब निकाली थी? "

ये सुनकर कठहरा चोंक जाता है और उत्तर देता है, " धार? मेरे पास धार निकालने का तो वकत ही नही था, मै तो हर वकत सिफॅ पेड काटने मे ही व्यस्त रहा । "

आम तौर पर ये कठहरे कि कहानी हम सब की कहानी है । हम हमेशा कोशिश करते रहते है कि अच्छे numbers आ जाए या और ज्यादा marks आ जाए, पर हम ये भुल जाते है कि हम कुछ सिख रहे है या नही ।
पर सही मायनो मे हमे हमारे जीवन मे वही काम आता है जो हमने सिखा होता है ।

हमे ज्यादा से ज्यादा सीखने मे और अपने आप को ज्यादा से ज्यादा improve करने पर ध्यान देना चाहिए, हमारी, skills और हमारा ज्ञान बढाने पे ध्यान देना चाहिए, जिससे हम जीवन मे और बहेतर बन पाए, अपने सपने पुरे कर पाए, और ज्यादा बहेतर जीवन जी पाए ।


(Hindi translation of motivational story, "BUSY".『source:unknown』)

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