01 April, 2016

ख्वाबो को हकीकत बनाना बाकी है

ख्वाबो को हकीकत बनाना बाकी है।
ख्वाबो को हकीकत बनाना बाकी है।

आसमान से उंची उड़ान भरना बाकी है,
हवाओ से तेज़ दोडना बाकी है,
मुश्किलो के कारवा को अभी पार करना बाकी है,
खुली आँखों से देखे सपने को जिना बाकी है,
ऐ मन! संभलजा अभी ख्वाबो को हकीकत बनाना बाकि है।

गुर्राती रातो को अभी जवाब देना बाकी है,
अच्छी सुबह के लिए रातो को जगना बाकी है,
चाहत से आशाओ का मिलना बाकि है,
मंजिलो के लिए कुछ कदम चलना बाकी है,
ऐ मन! संभलजा अभी ख्वाबो को हकीकत बनाना बाकी है।

अपने आप के साथ से दुसरो का भरोसा जितना बाकी है,
आँखों में सजाये पलों को निभाना बाकी है,
खुद से अभी कुछ सवाल करना बाकी है,
दुनिया को वो उडान देना बाकी है,
ऐ मन! संभलजा अभी ख्वाबो को हकीकत बनाना बाकी है।

हर रास्तो पर अपनों का साथ पाना बाकी है,
खुशियों के वो डेरो को खरीदना बाकी है,
सबके दिलो पर राज करना बाकी है,
जिंदगी मिलने के सही मकसद को पहचानना बाकी है,
ऐ मन! संभलजा अभी ख्वाबो को हकीकत बनाना बाकी है।

- Shruti Shah

• A MUST READ hindi Poem Book
(To purchase it from Amazon,Right click on book's cover image below and open it in a new tab in your browser,on mobile device,long press image and open in new tab)


 
• ABOUT AUTHOR •

★ SHRUTI SHAH is a 20 year old emotional girl who always wishes to give hope to everyone,who loves to convey that dreams can not be seen only, but dreams can be lived,too and writes poems to do so. She loves to cook yummy delicious food and along with it,she is pursuing her degree in Information And Communication Technology

To contact her, click HERE !

0 comments:

Post a Comment