15 September, 2015

सच्चा सबक

Hello friends...

एक बार, एक सज्जन पुरुष, अपने जीवन मे आने वाले अपार दुख और वेदनाओ से परेशान होकर निश्र्चय करते है की वो अपने जीवन के कुछ साल एकांत मे किसी एसी जगह पर बिताएंगे जहा उन्हे कोई पहचानता ना हो । और वो एक एसी ही जगह जाकर एक होटेल मे अपना जीवन पसार करने लगते है ।

 यहा पर उन्हे कोई भी पहचानता नही था ।

एक सुबह, जब वो अपने कमरे मे आराम कर रहे होते है, तब वो एक प्यारी सी धुन सुनते है । इतनी प्यारी धुन उन्होने आज तक कभी नही सुनी थी । वो अचंभित हो जाते है । एक वक्त पर उन्हे एसा लगता है की यह धुन किसी पक्षी के द्वारा सुनाई जा रही है, पर फीर वो सोचते है की ईतनी सुंदर और ईतनी प्यारी धुन गाना किसी छोटे से पक्षी के बस की बात नही । जरुर कोई संगीतकार इसे गा रहा होगा ।

अपने कमरे मे होने के बावजुद वो प्यारी धुन बार बार उनके कानो तक पहुंचती है । वो निश्र्चय करते है की ये धुन जो भी गा रहा है वो उसे मिलकर रहेंगे और वो अपने कमरे मे से बाहर निकलते है और धुन की आवाज की ओर चलने लगते है ।

जब वो इस आवाज के उदभवस्थान पर पहुचते है, उनकी ऑंखे फटी की फटी रह जाती है । वो देखते है की सचमुच एक पक्षी ही यह धुन गा रहा था ।
आश्चयॅचकित होकर वह ईस पक्षी के मालिक को पुछते है, " यह पक्षी इतना मधुर कैसे गा लेता है?"
पक्षी का मालिक मुस्कुराते हुए उत्तर देता है, " यह केनेरी पक्षी है, इन पक्षीओ को गाने कि तालीम दी जाती है । तालीम के वक्त पक्षी को एक अंधेरे कमरे मे बंध कर दिया जाता है, जहा पर इन्हे बहुत दिनो तक बिलकुल भी खाना नही दिया जाता । इन्हे बाहर की कोइ भी चीज दिखाई नही देती, जिससे इनकी एकाग्रता अतुट रहती है । एसी परिस्थिती मे बहुत दिनो तक पक्षी को पक्षी कि ही आवाज मे यह धुन बार बार सुनाई जाती है । बहुत दीनो तक इसके अलावा और कुछ ना सुनने की वजह से पक्षी यह धुन सीख लेता है और उसे और भी बहेतर तरीके से गाने लगता है। इसके बाद उसे बाहर निकाला जाता है जहा धुन गाकर वो लोगो को सुना सके । "

पक्षी के मालिक की यह बात सुनकर उन्हे यह एहसास होता है की वह हमारा मालिक, भगवान ही है जो हमे दुख देता है । वह हमे दुख रुपी अंधेरे कमरे मे बंध कर देता है और हमे जीवन के सारे सुख रुपी आवाजो से दुर कर देता है ताकी हम एकाग्र होके उसकी आवाज सुन सके और ज्यादा कितीॅमय धुन गाना सीख सके । 

भाग्यवान वो लोग होते है जो बुरे वक्त मे धैयॅवान होकर उस धुन को सिखते है । और जब वो धुन सिख लेते है तब भगवान उन्हे बडी सी खुली दुनिया मे लाते है जहा वो अपनी धुन लोगो को सुना और सिखा सके ताकि उनका भी भला हो और बाकी लोगो का भी भला हो ।
मित्रो, हमारे साथ भी यही होता है । दुख या परेशानी आने पर हमे निराश होकर बैठ नही जाना चाहिए ।
परेशानीया और दुख सबके जीवन मे आते है, और हर बार कुछ न कुछ सिखा के जाते है । लेकिन सिफॅ वही ये सिख सकते है जो इस दुखो से हारने का इन्कार कर दे और जीवन मे आगे बढते रहे ।

सदैव चमकने वाला सूयॅ भी कभी कभार बादलो से ढंक जाता है, लेकिन इसका मतलब यह नही की उसके बाद सूयॅ कभी नही चमकेगा । जैसे ही बादल हटते है वैसे ही सूयॅ और ज्यादा रौशनी के साथ चमकता है । हमे भी, जब कभी भी दुख आए, तब दुख रुपी बादलो के हटने का इंतजार करना चाहिए, ताकि हम और ज्यादा रौशनी से चमक पाए ।


( inspired by a story " BEAUTIFUL LESSION" from a book "TRIALS AND TRIUMPHS OF FAITH", written by Mr. Robert Boyd in 1875 )

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