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ख्वाबो को हकीकत बनाना बाकी है। |
आसमान से उंची उड़ान भरना बाकी है,
हवाओ से तेज़ दोडना बाकी है,
मुश्किलो के कारवा को अभी पार करना बाकी है,
खुली आँखों से देखे सपने को जिना बाकी है,
ऐ मन! संभलजा अभी ख्वाबो को हकीकत बनाना बाकि है।
हवाओ से तेज़ दोडना बाकी है,
मुश्किलो के कारवा को अभी पार करना बाकी है,
खुली आँखों से देखे सपने को जिना बाकी है,
ऐ मन! संभलजा अभी ख्वाबो को हकीकत बनाना बाकि है।
गुर्राती रातो को अभी जवाब देना बाकी है,
अच्छी सुबह के लिए रातो को जगना बाकी है,
चाहत से आशाओ का मिलना बाकि है,
मंजिलो के लिए कुछ कदम चलना बाकी है,
ऐ मन! संभलजा अभी ख्वाबो को हकीकत बनाना बाकी है।
अच्छी सुबह के लिए रातो को जगना बाकी है,
चाहत से आशाओ का मिलना बाकि है,
मंजिलो के लिए कुछ कदम चलना बाकी है,
ऐ मन! संभलजा अभी ख्वाबो को हकीकत बनाना बाकी है।
अपने आप के साथ से दुसरो का भरोसा जितना बाकी है,
आँखों में सजाये पलों को निभाना बाकी है,
खुद से अभी कुछ सवाल करना बाकी है,
दुनिया को वो उडान देना बाकी है,
ऐ मन! संभलजा अभी ख्वाबो को हकीकत बनाना बाकी है।
आँखों में सजाये पलों को निभाना बाकी है,
खुद से अभी कुछ सवाल करना बाकी है,
दुनिया को वो उडान देना बाकी है,
ऐ मन! संभलजा अभी ख्वाबो को हकीकत बनाना बाकी है।
हर रास्तो पर अपनों का साथ पाना बाकी है,
खुशियों के वो डेरो को खरीदना बाकी है,
सबके दिलो पर राज करना बाकी है,
जिंदगी मिलने के सही मकसद को पहचानना बाकी है,
ऐ मन! संभलजा अभी ख्वाबो को हकीकत बनाना बाकी है।
खुशियों के वो डेरो को खरीदना बाकी है,
सबके दिलो पर राज करना बाकी है,
जिंदगी मिलने के सही मकसद को पहचानना बाकी है,
ऐ मन! संभलजा अभी ख्वाबो को हकीकत बनाना बाकी है।
- Shruti Shah
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